पॉल ने एआईएफएफ टीवी से कहा, ‘मुझे दृढ़ विश्वास है कि राष्ट्रीय टीम में योगदान देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ है। कोच (इगोर स्टिमक) ने कहा कि जिसके पास भी भारतीय पासपोर्ट है उसके पास देश के लिए खेलने का मौका है।
मैं इसे हासिल करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं एक और एशियाई कप खेलना चाहता हूं। यह सुनने में अजीब लग सकता है।’
दोहा 2011 एशियाई कप में शानदार प्रदर्शन के बाद पॉल को एशियाई मीडिया ने ‘स्पाइडरमैन’ की उपाधि दी थी। उन्होंने स्वीकार किया कि टीम में जगह नहीं बना पाने से वह ‘परेशान’ रह रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं आर्थिक रूप से स्थिर होने के लिए शुक्रगुजार हूं कि मेरे पास पहले से ही एक क्लब का अनुबंध है। लेकिन मेरे अंदर कुछ ऐसा है जो मुझे परेशान कर रहा है, और मुझे पता है कि मैं वहां (भारतीय टीम में) हो सकता हूं। मैंने खुद के लिए यह चुनौती स्वीकार की है।’
पॉल ने कहा, ‘टीम में फिर से जगह बनाने की चुनौती के कारण मैच खेल रहा हूं।
कोच स्टिमक के लिए मेरे मन में पूरा सम्मान है। अगर उन्हें लगता है कि मैं काफी अच्छा हूं तो वह मुझे वापस बुलाएंगे। मैं अहंकारी नहीं हूं। मैंने भारत के लिए 74 मैच खेले हैं।’ उन्होंने कहा कि अगर उन्हें लगा कि उनके पास राष्ट्रीय टीम को देने के लिए कुछ नहीं है तो वह संन्यास ले लेंगे। वह पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और वर्तमान बीसीसीआई प्रमुख सौरव गांगुली से प्रेरणा लेते है। जिन्होंने कुछ समय के लिए इससे बाहर रहने के बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी की थी।